DC ( उपायुक्त ) श्री कर्ण सत्यार्थी गुड़ाबांदा के कारलाबेड़ा गांव पहुंचे – विकास की जमीनी हकीकत देखी, सड़क, जल मीनार और चेक डैम निर्माण का दिया आश्वासन


जमशेदपुर। जिला प्रशासन की ओर से सुदूरवर्ती और दुर्गम क्षेत्रों में विकास की किरण पहुँचाने के प्रयास लगातार जारी हैं। इसी कड़ी में उपायुक्त श्री कर्ण सत्यार्थी गुरुवार को गुड़ाबांदा प्रखण्ड के फॉरेस्ट ब्लॉक पंचायत अंतर्गत पहाड़ पर बसे कारलाबेड़ा गांव पहुंचे। लगभग 22 से 24 परिवारों वाला यह गांव अब तक सड़क और अन्य बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। ग्रामीणों ने मौके पर ही सड़क निर्माण की मांग रखी, जिस पर उपायुक्त ने आश्वस्त किया कि गांव को जल्द ही सड़क सुविधा से जोड़ा जाएगा।

✅ सड़क, जलापूर्ति और सिंचाई की योजनाओं पर जोर
- मौके पर ही उपायुक्त ने संबंधित विभागीय पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि:
- गांव में जल मीनार का निर्माण शीघ्र कराया जाए, ताकि ग्रामीणों को सालभर स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो सके।
- सिंचाई व्यवस्था को मजबूत करने के लिए चेक डैम का निर्माण किया जाए, जिससे वर्षा जल का संचयन होगा और खेती योग्य भूमि में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी।
- सड़क निर्माण कार्य प्राथमिकता से कराते हुए गांव को मुख्य मार्ग से जोड़ा जाए।
👉 उपायुक्त ने कहा कि इन योजनाओं के क्रियान्वयन से ग्रामीणों को न केवल पानी और सड़क की सुविधा मिलेगी, बल्कि कृषि उत्पादन और आजीविका में भी सकारात्मक बदलाव आएगा।
✅ खेती और आजीविका में बदलाव की संभावना
- वर्तमान में ग्रामीण मुख्य रूप से पारंपरिक खेती पर निर्भर हैं। उपायुक्त ने उन्हें प्रोत्साहित करते हुए कहा कि –
- नगदी फसल जैसे सब्ज़ी उत्पादन, फल बागवानी, औषधीय पौधे अपनाने से बेहतर आमदनी संभव है।
- पशुपालन, बकरी पालन और कुक्कुट पालन को बढ़ावा देकर परिवारों को नियमित आय का अतिरिक्त स्रोत मिलेगा।
- सड़क बनने से गांव तक एम्बुलेंस सेवा, शैक्षणिक सुविधाएं, बाजार और आपातकालीन सेवाएं पहुँच सकेंगी।
- जल मीनार से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध होगा और जलजनित बीमारियों में कमी आएगी।
- चेक डैम से भूमिगत जलस्तर बढ़ेगा और सिंचाई सुविधाएं सुधरेंगी।
- नगदी फसल व पशुपालन से रोज़गार के नए अवसर मिलेंगे और पलायन की समस्या कम होगी।
- शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक आसान पहुँच से गांव के जीवन स्तर में समग्र सुधार होगा।
✅ उपायुक्त का स्पष्ट संदेश
उपायुक्त श्री कर्ण सत्यार्थी ने कहा कि जिला प्रशासन की प्राथमिकता है कि जिले के सबसे सुदूर और दुर्गम गांव भी विकास की मुख्यधारा से जुड़े। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि:
- कारलाबेड़ा सहित अन्य ऐसे गांवों का विस्तृत सर्वेक्षण किया जाए।
- मूलभूत सुविधाओं से वंचित गांवों को चरणबद्ध तरीके से योजनाओं से जोड़ा जाए।
- सभी योजनाओं का क्रियान्वयन समयबद्ध तरीके से सुनिश्चित किया जाए।
📌 कारलाबेड़ा गांव का दौरा इस बात का प्रतीक है कि जिला प्रशासन जमीनी हकीकत देखने के साथ-साथ ग्रामीणों की समस्याओं को सीधे सुनकर समाधान की दिशा में ठोस कदम उठा रहा है।