झारखंड में सूर्या हांसदा एनकाउंटर का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। अब यह मामला दिल्ली स्थित राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) तक पहुँच गया है।


आजसू पार्टी के केंद्रीय महासचिव संजय मेहता ने आयोग में आवेदन देकर इस घटना की उच्चस्तरीय जाँच की मांग की थी। आयोग ने इस पर संज्ञान लेते हुए 27 अगस्त को केस संख्या 1031/34/9/2025 दर्ज कर जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
आजसू का दावा
आजसू पार्टी ने घटना के बाद लगातार दस दिनों तक ज़मीनी स्तर पर तथ्य जुटाए और 21 अगस्त को आयोग को पत्र लिखकर निष्पक्ष जाँच की मांग की थी।
पार्टी का कहना है कि सूर्या हांसदा मुख्यधारा से जुड़े हुए व्यक्ति थे। वे चार बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके थे और किसी भी मामले में अदालत ने उन्हें वांटेड घोषित नहीं किया था।
संजय मेहता का बयान
आजसू महासचिव संजय मेहता ने कहा –
“सूर्या हांसदा की मौत पुलिस एनकाउंटर में होना बेहद गंभीर मामला है। सजा देने का अधिकार अदालत का है, पुलिस का नहीं।”
उन्होंने पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच कराने की मांग उठाई।
सरकार और पुलिस पर आरोप
संजय मेहता ने झारखंड सरकार और पुलिस पर आदिवासी समुदाय को फर्जी मुकदमों और फर्जी एनकाउंटर के जरिए दबाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि—
राज्य में पुलिस और माफियाओं की गठजोड़ ने पुलिस की छवि को गंभीर रूप से धूमिल किया है।
रॉबिनहुड छवि दिखाने के नाम पर फर्जी एनकाउंटर किए जा रहे हैं।
पुलिस की कार्यशैली से जनता के बीच गहरा अविश्वास पैदा हो गया है।
बड़ी मांग
आजसू पार्टी का कहना है कि अब समय आ गया है जब राज्य में पुलिसिंग की दिशा और शैली पर व्यापक बहस हो और इस तरह की घटनाओं पर रोक लगे।