जमशेदपुर क्राइम: बिष्टुपुर गुरुद्वारा के पास लूट और फायरिंग कांड का पुलिस ने किया खुलासा – SSP पियूष पांडेय एवं CITY SP कुमार शिवाशीष के नेतृत्व में SIT की बड़ी कार्रवाई, पंजाब से मुख्य आरोपी समेत चार गिरफ्तार, ₹10.69 लाख नकद, पिस्टल और इनोवा कार बरामद


जमशेदपुर। बिष्टुपुर थाना क्षेत्र के गुरुद्वारा रोड पर 4 सितंबर को दिनदहाड़े हुए लूट और फायरिंग की घटना, जिसने पूरे शहर को दहला दिया था, का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पियूष पांडेय और सिटी एसपी कुमार शिवाशीष के नेतृत्व में गठित विशेष अनुसंधान टीम (SIT) ने इस कांड में शामिल चार शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनके पास से ₹10 लाख 69 हजार 700 नकद, एक इनोवा कार (संख्या JH-05AN-7303), एक देशी पिस्टल और चार मोबाइल फोन बरामद किए हैं।


वादी की शिकायत के बाद त्वरित कार्रवाई
पीड़ित कारोबारी साकेत कुमार अग्रवाल ने घटना के बाद पुलिस में आवेदन देकर त्वरित कार्रवाई की मांग की थी। घटना की गंभीरता और जटिलता को देखते हुए एसएसपी ने तुरंत SIT का गठन किया। टीम का नेतृत्व सीसीआर डीएसपी मनोज ठाकुर ने किया, जबकि संचालन और मार्गदर्शन सिटी एसपी कुमार शिवाशीष के पर्यवेक्षण में हुआ।
50 से अधिक CCTV फुटेज से खुली परतें
विशेष टीम ने घटनास्थल और आसपास के क्षेत्रों के 50 से अधिक CCTV फुटेज का विश्लेषण किया। फुटेज से अपराधियों द्वारा प्रयुक्त इनोवा कार की पहचान हुई। इसके आधार पर पुलिस ने अनुसंधान का दायरा बढ़ाते हुए लगातार छापेमारी की और सुराग पंजाब तक पहुंच गया।

अमृतसर से मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी
टीम ने पंजाब के अमृतसर में दबिश देकर राकेश कुमार मंडल उर्फ पकौड़ी (41 वर्ष) को गिरफ्तार किया। उसके पास से लूट की रकम और देशी पिस्टल बरामद की गई। पकौड़ी का आपराधिक इतिहास चिंताजनक है। वह पहले भी कई मामलों में जेल जा चुका है और हाल ही में जुलाई में कदमा थाना क्षेत्र से आर्म्स एक्ट के तहत जेल से बेल पर बाहर आया था। बेल पर आने के कुछ ही हफ्तों बाद उसने फिर संगठित अपराध को अंजाम दिया।
अन्य तीन अपराधी भी चढ़े हत्थे
पुलिस ने आगे चलकर तीन अन्य अभियुक्तों को अलग-अलग जिलों से गिरफ्तार किया। उनकी पहचान इस प्रकार है –
- कमलेश नारायण दुबे उर्फ शंकर (41 वर्ष) – मुख्य साजिशकर्ता
- सुधीर नारायण बेहरा (35 वर्ष) – टाटा स्टील, नवामुंडी का कर्मचारी
- गणेश कुम्भकार उर्फ फुचा (25 वर्ष)
इनके पास से नकदी, मोबाइल और लूट में प्रयुक्त इनोवा कार जब्त की गई।

पूर्व-नियोजित थी वारदात
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि लूट की योजना कई हफ्ते पहले ही बनाई गई थी। अपराधियों ने पीड़ित के क्षेत्र की रेकी की और बारीकी से योजना तैयार की। आरोपियों ने एक ओयो होटल में ठहरकर इलाके की गतिविधियों पर नजर रखी।
पूछताछ में अभियुक्तों ने माना कि कमलेश दुबे ही इस साजिश का मास्टरमाइंड था। उसने ही पूरी टीम को संगठित कर कारोबारी साकेत अग्रवाल को निशाना बनाने का प्लान तैयार किया।
सुधीर बेहरा ने दी अंदरूनी मदद
इस कांड में सबसे चौंकाने वाली जानकारी यह रही कि आरोपी सुधीर नारायण बेहरा, जो वर्तमान में टाटा स्टील, नवामुंडी में कार्यरत था, ने अपराधियों को भागने और लूट की रकम को सुरक्षित रखने में मदद की। उसने अपराधियों को तकनीकी और लॉजिस्टिक सपोर्ट भी मुहैया कराया।
आर्थिक लाभ और कर्ज मिटाना था मकसद
पुलिस सूत्रों के अनुसार इस कांड के पीछे अपराधियों का मकसद आर्थिक लाभ उठाना और कर्ज चुकाना था। वारदात पूरी तरह पूर्व-नियोजित थी और अपराधियों ने हर एंगल से तैयारी कर रखी थी।

पुलिस अधिकारियों की भूमिका
इस खुलासे में कई पुलिस अधिकारियों ने सराहनीय भूमिका निभाई, जिनमें शामिल हैं –
- सीसीआर डीएसपी मनोज ठाकुर
- डीएसपी सन्नी वर्धन
- तत्कालीन थाना प्रभारी उमेश कुमार ठाकुर
- थाना प्रभारी आलोक कुमार दुबे
- अवर निरीक्षक आकाश कुमार पांडे
कानून का खौफ बढ़ाने की कोशिश
एसएसपी पियूष पांडेय ने कहा – “पुलिस की सतत निगरानी और विशेष टीम की मेहनत से यह बड़ी सफलता मिली है। शेष फरार अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।”
वहीं सिटी एसपी कुमार शिवाशीष ने इस कार्रवाई को संगठित अपराध के खिलाफ निर्णायक प्रहार बताया।
👉 इस कार्रवाई से पुलिस ने न सिर्फ बड़ी रकम की बरामदगी की है बल्कि अपराधियों में कानून का खौफ भी बढ़ाया है। यह सफलता जमशेदपुर पुलिस की सतर्कता और तत्परता का बड़ा उदाहरण है।