24 घंटे बालू का अवैध खनन, हुरलूँग एवं स्वर्णरेखा घाट पर बालू माफियाओं का बोलबाला – माइनिंग विभाग और पुलिस पर उठे सवाल ?


जमशेदपुर (बिरसानगर/गोविंदपुर/एमजीएम) थाना अंतर्गत बालू माफियाओ का बोलबाला –

जमशेदपुर के बिरसानगर और गोविंदपुर थाना अंतर्गत हुरलूँग के स्वर्णरेखा लुपुंगडी नदी घाट पर बालू माफियाओं का कब्ज़ा लगातार गहराता जा रहा है। यहाँ दिन-दुगुनी, रात-चौगुनी की तर्ज पर 24 घंटे अवैध खनन और तस्करी का कारोबार धड़ल्ले से जारी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि माइनिंग डिपार्टमेंट और पुलिस की तुलना में बालू माफिया ज़्यादा सक्रिय नज़र आते हैं।
स्थानीयों ने भेजे सबूत, की कई शिकायतें
इलाक़े के लोगों ने अपनी पहचान गुप्त रखते हुए बताया कि उन्होंने इस अवैध धंधे की तस्वीरें और जानकारी कई बार एसडीओ, सीओ, माइनिंग विभाग, बिरसानगर थाना, गोविंदपुर थाना और एमजीएम थाना को दी है। बावजूद इसके अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उल्टा, शिकायत करने वाले लोगों को बालू माफियाओं द्वारा जान से मारने की धमकी भी दी गई है। डर के कारण अब लोग खामोश रहने को मजबूर हैं।

बड़े नेक्सस की ओर इशारा
लोगों का आरोप है कि बालू माफियाओं का यह नेटवर्क बेहद मज़बूत है और इसमें बड़े राजनीतिक रसूख वाले चेहरे भी शामिल हो सकते हैं। जिस तरह से 24 घंटे बिना रोक-टोक यह धंधा चल रहा है, उससे प्रशासनिक और राजनीतिक नेक्सस की बू आ रही है।

हुरलूँग और स्वर्णरेखा घाट से सप्लाई की बड़ी चेन
स्थानीयों का कहना है कि हुरलूँग नदी घाट और स्वर्णरेखा लुपुंगडी नदी से निकाले गए बालू को पहले बिरसानगर, गोविंदपुर और एमजीएम क्षेत्र में जमाखोरी कर रखा जाता है। इसके बाद अलग-अलग हिस्सों में इसकी सप्लाई कर करोड़ों का अवैध मुनाफ़ा कमाया जाता है। यही हाल साबर क्षेत्र समेत अन्य घाटों का भी है, जहाँ माफियाओं ने समानांतर तंत्र खड़ा कर रखा है।
माइनिंग विभाग की चुप्पी पर सवाल
लगातार मिल रही शिकायतों और सबूतों के बावजूद माइनिंग विभाग की चुप्पी अब लोगों के बीच सबसे बड़ा सवाल बन गई है।
खुलेआम हो रही बालू माफियाओं की तस्करी कहीं-न-कहीं माइनिंग विभाग की भूमिका पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर रही है। क्या विभाग की मिलीभगत माफियाओं के साथ है, जिसके कारण दिन-रात 24 घंटे यह धंधा बिना रोक-टोक जारी है?
सवाल उठना लाज़मी है कि जब बस्तीवासियों ने बार-बार माइनिंग विभाग और जिला प्रशासन को शिकायतें दी हैं, तो अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई या क्यों की जा रही है केवल कागज़ों में?

अब लोगों की नज़र ठोस कार्रवाई पर
इस पूरे मामले ने स्थानीय लोगों में गहरी नाराज़गी और बेचैनी दोनों पैदा कर दी है। लोगों का कहना है कि जब शिकायतों के बावजूद कोई कदम नहीं उठाया जाता तो यह माफियाओं के हौसले और बुलंद कर देता है। अब जनता की नज़र इस बात पर है कि क्या जिला प्रशासन और माइनिंग विभाग इस बार दिखावटी कार्रवाई करेंगे या वाक़ई ठोस और कड़ा कदम उठाएँगे, जिससे इस अवैध धंधे पर लगाम लगे।
लोगों का मानना है कि अगर इस बार भी कार्रवाई आधी-अधूरी रही, तो माफिया और मज़बूत हो जाएंगे और आम जनता का प्रशासन से भरोसा उठ जाएगा।
लोगो मे उम्मीद की किरण अपने जमशेदपुर के DC और SSP से
जिले के DC श्री कर्ण सत्यार्थी और SSP श्री पियूष पाण्डेय आम जनता के हित में जिस तरह ताबड़तोड़ एक्शन ले रहे हैं, उससे जमशेदपुर के लोगों को उम्मीद की नई किरण दिखाई दे रही है कि वे इस तरह के अवैध धंधे के खिलाफ कड़े कदम उठाएंगे।
लोगों का कहना है कि अब वक्त आ गया है कि कुछ तो बदले और इनके नेतृत्व में इन अवैध कारोबारों पर पूरी तरह अंकुश लगे।