Jharkhand – दिवंगत रामदास सोरेन के पुत्र सोमेश सोरेन लड़ेंगे घाटशिला उपचुनाव, क्या बन पाएंगे मंत्री?


Jharkhand Politics झामुमो के दिवंगत मंत्री रामदास सोरेन के बेटे सोमेश सोरेन घाटशिला उपचुनाव लड़ेंगे। पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनके नाम की घोषणा कर दी है और इसे प्रदेश आलाकमान को भेजा गया है। इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर वह जीतते हैं तो उन्हें मंत्री पद भी मिल सकता है जैसा कि पहले भी दिवंगत नेताओं के परिवार के सदस्यों के साथ हुआ है।

Jharkhand Politics: झामुमो के दिवंगत मंत्री रामदास सोरेन के निधन के बाद अब उनके बड़े बेटे सोमेश सोरेन (Somesh Soren) घाटशिला विधानसभा से उपचुनाव लड़ेंगे। घाटशिला विधानसभा कमेटी ने सर्वसम्मति से उनके नाम की घोषणा कर दी है, जिसकी जानकारी प्रदेश आलाकमान को भी दी गई है।
यह घोषणा घाटशिला के पावड़ा स्थित माझी परगना महाल भवन में हुई एक बैठक में हुई। बैठक में चारों प्रखंडों घाटशिला, धालभूमगढ़, मुसाबनी और गुड़ाबांदा के पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल थे।
पिता के सपनों को पूरा करने का संकल्प
सोमेश सोरेन ने अपने पिता के निधन के बाद इस जिम्मेदारी को संभालने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि उनके पिता रामदास सोरेन ने कम समय में ही अपने काम और मेहनत से घाटशिला में एक अलग पहचान बनाई थी।
कर इस चुनावी सफर की शुरुआत की। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि वह सबके साथ मिलकर अपने पिता के विकास के रथ को आगे बढ़ाएंगे। सोमेश ने कहा- राजनीति कोई सीखकर नहीं आता, बल्कि हालात और परिस्थिति उसे आगे बढ़ाते हैं।
जेएमएम कार्यकर्ताओं ने दिया समर्थन
पार्टी के पूर्वी सिंहभूम जिला संयोजक प्रमुख बाघराय मार्डी ने कहा कि केंद्रीय कमेटी क्या फैसला लेती है, यह उन्हें नहीं पता, लेकिन घाटशिला के कार्यकर्ताओं ने यह तय कर लिया है कि सोमेश सोरेन ही उनके उम्मीदवार होंगे।
उन्हें विधायक बनाकर ही भेजेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इस भीड़ ने दर्शा दिया है कि इस विधानसभा को फतेह कर सोमेश सोरेन को विधायक बनाने का काम किया जाएगा।
क्या सोमेश बनेंगे मंत्री?
झारखंड की राजनीति में यह देखा गया है कि यदि किसी विधायक या मंत्री का निधन हो जाता है, तो उनके परिवार के किसी सदस्य को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है।
दिवंगत मंत्री जगन्नाथ महतो के निधन के बाद उनकी पत्नी बेबी देवी को मंत्रिमंडल में जगह दी गई थी। इसी तरह हाजी हुसैन अंसारी के निधन के बाद उनके बेटे हाफिजुल हसन को भी मंत्री पद मिला था।
ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर सोमेश सोरेन घाटशिला उपचुनाव जीत जाते हैं, तो उन्हें भी हेमंत सरकार में मंत्री पद मिल सकता है।
जिला कमेटी ने भी इस बात की मांग की है कि रामदास सोरेन के परिवार के किसी सदस्य को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाए।
अब देखना यह है कि पार्टी आलाकमान इस मांग पर क्या फैसला लेता है और क्या सोमेश सोरेन अपने पिता की तरह मंत्री बन पाते हैं।